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दसाल्ट नोएडा में राफेल और मिराज के लिए MRO सुविधा स्थापित करेगा

दसाल्ट नोएडा में राफेल और मिराज के लिए MRO सुविधा स्थापित करेगा

| श्रेणी | विवरण | |---------------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | डसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) नोएडा हवाई अड्डा परिसर में राफेल और मिराज-2000 लड़ाकू विमानों के लिए एमआरओ (MRO) सुविधा स्थापित करेगी। | | स्थान | नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (Noida International Airport), सुविधा के लिए 1365 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। | | मुख्य विशेषताएं | - वैमानिकी (Aeronautical )और एविओनिक्स (Avionics) पाठ्यक्रमों के लिए उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence) और विश्वविद्यालय <br> - एफडीआई (FDI) नीति के तहत ₹12 करोड़ की सब्सिडी <br> - रक्षा में विदेशी निर्भरता को कम करने और आत्मनिर्भरता को बढ़ाने का लक्ष्य है। | | एमआरओ उद्योग | - $1.7 बिलियन (2021) का था, जिसके 2030 तक $7 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। <br> - भारत में 713 विमान हैं, जो 2031 तक बढ़कर 1522 होने की उम्मीद है। | | विमान का विवरण | - राफेल (Rafale): आईएएफ (IAF) में 36 <br> - मिराज-2000 (Mirage-2000): आईएएफ (IAF) में 50 | | रणनीतिक लाभ | - रखरखाव लागत(cost) और समय (Time) को कम करना <br> - रणनीतिक स्वायत्तता (strategic autonomy) और रक्षा तैयारियों (defence preparedness) को मजबूत करना <br> - स्थानीय रोज़गार (local employment), तकनीकी शिक्षा (technical education) और औद्योगिक विकास (industrial development) को बढ़ावा देना | | राफेल के बारे में | - फ्रांसीसी ट्विन-इंजन, बहु-भूमिका लड़ाकू विमान <br> - मेटीओर मिसाइल (Meteor Missile), स्कैल्प क्रूज मिसाइल (SCALP Cruise Missile) और एमआईसीए मिसाइल सिस्टम (MICA Missile System) से लैस <br> - गति: 2,222.6 किमी/घंटा, ऊंचाई: 50,000 फीट |

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