भारत का पहला मानवयुक्त महासागर मिशन 'समुद्रयान': 2026 में लॉन्च
| पहलू | विवरण | |--------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------| | मिशन का नाम | समुद्रयान | | प्रक्षेपण वर्ष | 2026 | | पनडुब्बी वाहन | मत्स्य 6000 (स्वदेशी रूप से विकसित) | | अन्वेषण गहराई | 6,000 मीटर तक | | क्रू क्षमता | 3 सदस्य | | परिचालन सहनशक्ति | 12 घंटे (आपातकालीन सहनशक्ति 96 घंटे तक) | | अनुसंधान पोत | सागर निधि (तैनाती और पुनर्प्राप्ति के लिए) | | लक्ष्य | गहरे समुद्र की खोज, समुद्री जैव विविधता, और संसाधन क्षमता का अध्ययन | | उद्देश्य | - वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए गहरे समुद्र से नमूना संग्रह <br> - जीवित और निर्जीव समुद्री संसाधनों की खोज <br> - उन्नत इंजीनियरिंग क्षमताओं का प्रदर्शन <br> - वैश्विक महासागर अनुसंधान में भारत की स्थिति को मजबूत करना | | बजट | ₹4,077 करोड़ (डीप ओशन मिशन, 2021 का हिस्सा) | | कार्यान्वयन एजेंसी | नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (NIOT), चेन्नई | | संरेखण | सतत विकास लक्ष्य (SDG)-14 (पानी के नीचे का जीवन) | | सामरिक महत्व | महासागर कूटनीति और वैश्विक समुद्री अनुसंधान में भारत की स्थिति को बढ़ाता है | | अंतर्राष्ट्रीय स्तर| मानवयुक्त गहरे समुद्र की खोज में अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान और चीन जैसे देशों के साथ शामिल होता है |