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भारत की टीबी डायग्नोस्टिक तकनीक को WHA में सराहना मिली

भारत की टीबी डायग्नोस्टिक तकनीक को WHA में सराहना मिली

  • भारत में विकसित ट्रूनेट (Truenat) प्लेटफॉर्म की टीबी से लड़ने में अपनी भूमिका के लिए तथा वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल समाधान के संभावित घटक के रूप में सराहना की गई है।

मुख्य बिंदु:

  • ट्रूनेट को पहली बार वर्ष 2017 में लॉन्च किया गया था और यह एक वास्तविक समय मात्रात्मक माइक्रो-PCR प्रणाली है।
  • यह पोर्टेबल, बैटरी से चलने वाली मशीन है जिसे प्रयोगशालाओं, स्वास्थ्य केंद्रों और क्षेत्र में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • ट्रूनेट एक घंटे से भी कम समय में नमूनों से परिणाम देता है और 40 से अधिक बीमारियों की जांच कर सकता है।
  • जिन देशों ने ट्रूनेट (Truenat) का उपयोग शुरू किया है, उन सभी ने मामले का पता लगाने में महत्वपूर्ण सुधार की सूचना दी है
  • ट्रूनेट का उपयोग राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 7,000 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में किया जाता है और देश में लगभग 1,500 निजी प्रयोगशालाओं में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।
  • विश्व स्वास्थ्य सभा (WHO की निर्णय लेने वाली संस्था) में, सहयोग करने वाले ग्लोबल फंड ने व्यापक जागरूकता पैदा करने और डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके गहन निगरानी कार्यक्रमों के माध्यम से टीबी को खत्म करने की भारत की प्रतिबद्धता की सराहना की।
  • टीबी से लड़ने के लिए शीघ्र निदान और उपचार अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे हर वर्ष अनुमानतः 480,000 भारतीय या प्रतिदिन 1,400 से अधिक रोगी मरते हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल टीबी के 10 मिलियन से अधिक नए मामले सामने आते हैं, तथा अकेले भारत में वैश्विक टीबी रोगियों की संख्या 27% है।

प्रीलिम्स टेकअवे

  • ट्रूनेट
  • WHA

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