भारतीय सेना ने उन्नत सैन्य क्षमता के लिए "विद्युत रक्षक" का अनावरण किया
- आर्मी डिज़ाइन ब्यूरो (ADB) द्वारा विकसित, "विद्युत रक्षक" एक इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स-सक्षम प्रणाली है जिसे जनरेटर की निगरानी, सुरक्षा और नियंत्रण के लिए डिज़ाइन किया गया है।
विद्युत रक्षक:
- "विद्युत रक्षक" एक इंटरनेट ऑफ थिंग्स-सक्षम प्रणाली है जिसे ADB द्वारा भारतीय सेना में जनरेटरों की निगरानी, सुरक्षा और नियंत्रण के लिए डिजाइन किया गया है।
- यह नवाचार सभी मौजूदा जनरेटरों पर लागू होता है, चाहे उनका प्रकार, निर्माण, रेटिंग या आयु कुछ भी हो।
मुख्य विशेषताऐं:
- व्यापक निगरानी: विद्युत रक्षक न केवल जनरेटर मापदंडों की निगरानी करता है, बल्कि दोषों की भविष्यवाणी भी करता है और उन्हें रोकता है, जिससे निर्बाध संचालन सुनिश्चित होता है।
- फॉल्ट प्रेडिक्शन और प्रीवेंशन : प्रणाली संभावित दोषों का पूर्वानुमान लगाती है और निवारक उपाय करती है, जिससे डाउनटाइम और रखरखाव लागत कम हो जाती है।
- ऑटोमेशन : मैनुअल संचालन को स्वचालित करके, विद्युत रक्षक जनरेटर प्रबंधन कार्यों को सरल बनाता है, जिससे जनशक्ति की बचत होती है और परिचालन दक्षता में सुधार होता है।
- यूजर फ्रेंडली इंटरफ़ेस: इस सिस्टम में यूजर-फ्रेंडली इंटरफ़ेस है, जिससे सेना के कर्मियों के लिए जनरेटर को प्रभावी ढंग से संचालित करना और प्रबंधित करना आसान हो जाता है।
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