कथक नृत्यांगना कुमुदिनी लाखिया का निधन
| पहलू | विवरण | |-------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | नाम | कुमुदिनी लाखिया | | व्यवसाय | कथक प्रतिपादक | | निधन की तिथि | 13 अप्रैल, 2025 | | निधन के समय आयु | 94 | | प्रारंभिक जीवन और प्रशिक्षण | जन्म 1930 में मुंबई में। पं. सुंदर प्रसाद, राधे लाल मिश्र, पं. शंभू महाराज के तहत प्रशिक्षित, और पं. बिरजू महाराज के साथ सहयोग किया। 18 वर्ष की आयु में राम गोपाल के साथ यूरोप का दौरा किया। | | कदम्ब की स्थापना | अहमदाबाद में कदम्ब सेंटर फॉर डांस की स्थापना की। आधुनिक दृष्टिकोण के साथ कथक पढ़ाया। | | परंपरा को चुनौती | कथक में कहानी कहने और साहित्य पर निर्भरता पर सवाल उठाया। अमूर्त अभिव्यक्ति और आंतरिक संघर्ष पर जोर दिया। | | पथ-प्रदर्शक कार्य | दुविधा (1971): इलेक्ट्रॉनिक संगीत के साथ एक महिला की भावनात्मक उथल-पुथल को दर्शाया। धबकर (स्पंदन): आंदोलन की स्वतंत्रता के लिए दुपट्टा हटाया। समूह नृत्यकला की शुरुआत की। | | मार्गदर्शक और सलाहकार | अदिति मंगलदास जैसे शिष्यों को प्रशिक्षित किया। नवाचार करने के लिए पीढ़ियों को प्रेरित किया। | | पुरस्कार और मान्यता | पद्म श्री (1987), पद्म भूषण (2010), पद्म विभूषण (2024)। |