शाह ने 'श्वेत क्रांति 2.0' का अनावरण किया, 'पूर्ण बजटीय सहायता' का वादा किया
- केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को 'श्वेत क्रांति 2.0' की शुरुआत की, साथ ही दो लाख नई बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के गठन और सुदृढ़ीकरण पर एक कार्य योजना भी शुरू की
मुख्य बातें:
- गुरुवार को केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 'श्वेत क्रांति 2.0' की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य भारत के डेयरी क्षेत्र में क्रांति लाना है, साथ ही सहकारी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए प्रमुख पहल भी की।
मुख्य घोषणाएँ:
- श्वेत क्रांति 2.0: कार्यक्रम का उद्देश्य दूध उत्पादन को बढ़ाना, डेयरी बुनियादी ढाँचे को मजबूत करना, डेयरी निर्यात को बढ़ावा देना और महिला किसानों को सशक्त बनाना है।
- सहकारी समितियों का गठन: डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के साथ-साथ दो लाख नई बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के निर्माण के लिए एक कार्य योजना भी पेश की गई।
- 'सहकारी समितियों के बीच सहयोग' पर एसओपी: विभिन्न सहकारी संस्थाओं के बीच सहयोग को कारगर बनाने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया शुरू की गई।
फोकस क्षेत्र:
- यह पहल चार प्राथमिक लक्ष्यों पर केंद्रित है:
- महिला किसानों को सशक्त बनाना: डेयरी क्षेत्र में महिलाओं की आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण बढ़ाना।
- स्थानीय दूध उत्पादन: घरेलू दूध उत्पादन को बढ़ावा देना।
- डेयरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना: पूरे भारत में डेयरी संचालन का समर्थन करने के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाना।
- डेयरी निर्यात को बढ़ावा देना: भारतीय डेयरी उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति का विस्तार करना।
पहले 100 दिनों में पहल:
- सहकारिता मंत्रालय की उपलब्धियों पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए, शाह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में 10 प्रमुख पहल की हैं। इनमें से तीन, जिसमें श्वेत क्रांति 2.0 भी शामिल है, कार्यक्रम के दौरान लॉन्च की गईं।
सरकारी समर्थन:
- शाह ने आश्वस्त किया कि कार्यक्रम को पूर्ण बजटीय समर्थन प्राप्त होगा, इस बात पर जोर देते हुए कि यह पहल सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इससे सहकारी क्षेत्र को और अधिक आत्मनिर्भर और व्यापक बनाने में मदद मिलेगी।
प्रारंभिक निष्कर्ष:
- श्वेत क्रांति
- प्राथमिक कृषि सहकारी समितियाँ