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S&P ने भारत की FY26 जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 6.5% किया

S&P ने भारत की FY26 जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 6.5% किया

| मुख्य पहलू | विवरण | |---------------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------| | अनुमान संशोधन | एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत के वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 6.5% कर दिया है। | | पिछला अनुमान | पहले वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण 20 बीपीएस घटाकर 6.3% कर दिया गया था। | | मुख्य मान्यताएँ | - सामान्य मानसून (कृषि, ग्रामीण मांग को समर्थन)। <br> - कच्चे तेल की कीमतें कम (चालू खाते, मुद्रास्फीति नियंत्रण में मदद)। <br> - आरबीआई द्वारा मौद्रिक सहजता (उधार को प्रोत्साहित करती है)। <br> - आयकर रियायतें (खर्च करने योग्य आय को बढ़ाती हैं)। | | ऊर्जा निर्भरता | भारत 90% कच्चे तेल और 50% प्राकृतिक गैस का आयात करता है, जिससे इसे मूल्य झटकों का खतरा होता है। | | मध्य पूर्व जोखिम | बढ़ते तनाव (जैसे, ईरान पर अमेरिकी हमले) तेल आपूर्ति को बाधित कर सकते हैं, जिससे एशिया-प्रशांत अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हो सकती हैं। | | आरबीआई संरेखण | भारतीय रिज़र्व बैंक के 6.5% वृद्धि अनुमान के साथ मेल खाता है। | | घरेलू मांग की शक्ति | लचीली घरेलू खपत निर्यात-संचालित विकास पर निर्भरता को कम करती है। | | वैश्विक व्यापार चिंताएँ | अमेरिकी शुल्क वृद्धि वैश्विक व्यापार और निवेश प्रवाह को कम कर सकती है। |

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